तंत्र क्रियाओं का नाम सुनते ही जहन में अचानक श्मशान का चित्र उभर आता है। जलती चिता के सामने बैठा तांत्रिक, अंधेरी रात और मीलों तक फैला सन्नाटा। आखिर क्यों अधिकांश तंत्र क्रियाएं श्मशान में ही की जाती हैं। यदि आपके मन में भी ये सारे सवाल हैं तो और जानिए क्यों ये साधनाएं श्मशान में ही की जाती हैं।
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शान नदी किनारे होना इसलिए जरुरी है क्योकि पानी सूजन का प्रतीक है पवित्र भी है और ब्रह्म भी मन जाता है
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शान में नेगेटिव एनर्जी बहुत होती है इसके आस पास मंदिर होने से इस पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता है
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शमशान में पॉजिटिव व् नेगटिव दोनों शक्तिया होती है यहाँ तंत्र द्वारा नेगेटिव एनेर्जी को पॉजिटिव में बदला जा सकता है
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इस नेगिटिव एनर्जी को इन्ही दो कारणों (नदी व् मंदिर) से तांत्रिक पॉजिटिव में बदल देते है विशेष साधनाओ से ही ये संभव है