इस वेबसाइट पे आपको नयी जानकारिया और हर तरह की न्यूज़ देखने को मिलेगी

Friday, January 20, 2017

क्या आप जानते हैं अघोरियों से जुड़ी ये बातें, रहस्यमयी है इनकी दुनिया- पौराणिक कथाओ अनुसार

कौन होते हैं अघोरी?

-------------------------------------

अघोर पंथ हिन्दू धर्म का एक समुदाय है जिसका पालन करने वाले अघोरी के नाम से जाने जाते है. 
अघोर पंथियो के उत्तपति के संबंध में कोई कुछ नहीं जनता परन्तु इन्हे कपालिक सम्प्रदाय के 
समान ही मान्यता दी गई है. अघोरी भगवान शिव के सबसे सुन्दर पांच रूपों में से एक है . अघोरियों को सबसे
प्राचीन धर्म ”शैव” (शिव साधक) से जुड़ा हुआ माना गया है तथा इनका अपना ही अलग विधान, अलग जीवन शैली तथा अलग अपनी ही बनाई विधियां होती है. इनका जीवन बहुत ही कष्टमय और कठिन मार्गो से भरा होता है तथा इनकी साधना विधि भगवान शिव को पूजे जाने वाले अन्य साधनाओ से बहुत ही भिन्न व रहस्मयी होती है. इन्हे अघोरी कहने के पीछे यह कारण है की ये घोर नहीं होते यानि की ये स्वभाव से बहुत ही सहज और सरल होते है तथा हर किसी के लिए इनकी भवना एक समान होती है.
अघोरी हमेशा से लोगों की  जिज्ञासा का विषय रहे हैं।  

-------------------------------------

 अघोरियों का जीवन जितना कठिन है, उतना रहस्यमयी भी है। अघोरियों की साधना विधि सबसे ज्यादा रहस्यमयी है। उनकी अपनी शैली, अपनाविधान है, अपनी  अलग  ही विधिया हैं। अघोरी उसे कहते हैं जो घोर नहीं हो। यानी बहुतसरल और सहज हो। जिसके मन में कोई भेदभाव नहीं हो। अघोरी हर चीज    में समानभावरखते हैं। वे सड़ते जीव के मांस को भी उतना ही स्वाद लेकर खाते हैं, जितना  स्वादिष्ट  पकवानों को स्वाद लेकर खाया जाता है।

अलग है अघोरियों की दुनिया :-

-------------------------------------

अघोरियों की दुनिया ही नहीं, उनकी हर बात निराली है। वे जिस पर प्रसन्न हो जाएं उसे सब कुछ दे देते हैं। अघोरियों की कई बातें ऐसी हैं जो सुनकर आप दांतों तले अंगुली दबा लेंगे। हम आपको अघोरियों की दुनिया की कुछ ऐसी ही बातें बता रहे हैं, जिनको पढ़कर आपको एहसास होगा कि वे कितनी कठिन साधना करते हैं।

आइये जानते है अघोरियो से जुडी ये कुछ बाते :-

-------------------------------------


1:- अघोरी ३ तरह की साधना करते है शिव, शव और श्मशान शिव साधना शव (मुर्दा) के ऊपर पैर रखकर व शव पर बैठकर की जाती है ऐसी साधनाओ में मुर्दे को प्रसाद के रूप में मांस और शराब चढाई जाती है| तीसरी होती है श्मशान साधना इसमें शवपीठ (जहां शवो को जलाते हैं) की पूजा की जाती हैं उस पर गंगा जल व् मावा चढ़ाया जाता हैं।

-------------------------------------

2:- मान्यता है की अघोरी मुर्दे से भी बात कर सकते है। ये बाते पढ़ने-सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन इन्हें पूरी तरह से नाकारा भी नहीं जा सकता है।

-------------------------------------

3:- अघोरी हठी होते है, अगर किसी बात पर अड़ जाये तो उसे पूरा करते है गुस्सा हो जाए तो किसी भी हद तक जा सकते है।

-------------------------------------

4:- अघोरी गले में धातु की बनी नरमुंड की माला पहनते है,पर माना जाता है, की कुछ अघोरी असली के इंसानो की नरमुंड माला भी पहनते है।

-------------------------------------

5:- अघोरपंथ मे साधना का विशेष महत्त्व है, इसलिए अघोरी श्मशान में रहना ही ज्यादा पसंद करते है, वे यही अपनी कुटिया बनाते है।

-------------------------------------

6:- अघोरियो की कुटिया में एक छोटी सी धुनि हमेशा जलती रहती है, जानवरो में वो सिर्फ कुत्ते पलना पसंद करते है।


-------------------------------------


7:- अघोरी गाय का मांस छोड़ कर बाकि सब प्रकार का मांस खा सकते है,बह मुर्दे तक का मांस  खाते है ।


---------------------------------------------------------


8:- अघोरी आम लोगो से कोई संपर्क नहीं रखते न ही ज्यादा बाते करते है वे अधिकांश समय अपना सिद्ध मंत्र  ही जप करते रहते है।


---------------------------------------------------------

9:- मान्यता है की अघोरी पराशक्तियों (आत्मा) को भी अपने वश में कर सकते है ये साधनाये भी वे श्मशान में ही करते है।


----------------------------------------------------------

Share:

0 comments:

Post a Comment

Followers

Contact

loading...

OFFER

loading...