जन्म
Ø ईसापूर्व 375पंजाब (आज से 2392 साल पहले)
मृत्यु
Ø ईसापूर्व 283पाटलिपुत्र (आज से 2300 साल पहले)
निवास
Ø पाटलिपुत्र
अन्य नाम
Ø कौटिल्य, विष्णुगुप्त
विद्यालय
Ø तक्षशिला
व्यवसाय
Ø चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री
उल्लेखनीयकाम
Ø अर्थशास्त्र, चाणक्यनीति
2:- चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है मुर्ख या अज्ञानी होना यदि कोई व्यकि मुर्ख है तो वह जीवन में कभी भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता उसे जीवन में हर कदम दुःख और अपमान ही झेलना पड़ता है I
Ø ईसापूर्व 375पंजाब (आज से 2392 साल पहले)
मृत्यु
Ø ईसापूर्व 283पाटलिपुत्र (आज से 2300 साल पहले)
निवास
Ø पाटलिपुत्र
अन्य नाम
Ø कौटिल्य, विष्णुगुप्त
विद्यालय
Ø तक्षशिला
व्यवसाय
Ø चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री
उल्लेखनीयकाम
Ø अर्थशास्त्र, चाणक्यनीति
आचार्य चाणक्य तक्षशिला के गुरुकुल में अर्थशास्त्र के आचार्य थे।चाणक्य राजनीति में भी काफी पारंगत थे। इनके पिता का नाम आचार्य चणीक था , इसी वजह से इन्हें चणी पुत्र चाणक्य भी कहा जाता है। चाणक्य ने कूटनीतिज्ञ तरीके से सम्राट सिकंदर को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था और चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट भी बनाया। आचार्य चाणक्य ने श्रेष्ठ जीवन के लिए चाणक्य नीति ग्रंथ रचा था। इसमें दी गई नीतियों का पालन करने पर जीवन में सफलताएं प्राप्त होती हैं। यहां जानिए चाणक्य की 10 खास नीतियां ...
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1:- सेवक को तब परखे, जब बह काम नहीं कर रहा हो, रिश्तेदार को किसी कठिनाई में, मित्र को संकट में और पत्नी को घोर बिपति में परखना चाहिए I-------------------------------------
2:- चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है मुर्ख या अज्ञानी होना यदि कोई व्यकि मुर्ख है तो वह जीवन में कभी भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता उसे जीवन में हर कदम दुःख और अपमान ही झेलना पड़ता है I
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